जब Society कहे ‘नहीं कर सकती’ खुद को ‘हाँ’ कहना सीखिए

self confidence for women,

हमारे समाज में “लड़कियों को क्या करना चाहिए” की एक तय की हुई लकीर है करियर कितना बड़ा हो, कपड़े कैसे हों, शादी कब करनी है, बच्चे कब करने हैं और अगर कोई महिला इन सीमाओं के बाहर कुछ करने की कोशिश करे, तो सबसे पहले आवाज़ आती है “ये नहीं कर सकती।” पर असली सवाल ये है जब दुनिया ‘नहीं’ कहे, तब क्या हम खुद से ‘हाँ’ कहने की हिम्मत रखते हैं?

हर महिला के अंदर एक ऐसी शक्ति होती है जो सिर्फ approval का इंतज़ार नहीं करती, बल्कि खुद अपनी मंज़िल तय करती है। लेकिन उस शक्ति को बाहर लाने के लिए ज़रूरी है कि हम समाज की expectations से ज़्यादा अपने दिल की सुनें।

‘नहीं’ सुनने की आदत डालिए क्योंकि वही आपकी ताकत बनेगा

Society हमेशा judgmental रही है। अगर कोई महिला late काम करे तो character questioned, अगर independent हो तो “ज़्यादा modern”, अगर bold हो तो “values भूल गई” कहा जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि हर ‘नहीं’ एक चुनौती है, और हर चुनौती के अंदर ‘हाँ, मैं कर सकती हूँ’ की ताकत छिपी होती है आपको हर किसी को prove करने की ज़रूरत नहीं बस खुद को याद दिलाइए कि आपकी dreams valid हैं। चाहे वो business शुरू करना हो, solo trip पर जाना हो या शादी के बाद career फिर से शुरू करना आप कर सकती हैं।

खुद को “हाँ” कहना मतलब है :

  • अपनी ज़रूरतों को guilt के बिना प्राथमिकता देना
  • अपनी खुशी के लिए दूसरों से इजाज़त न माँगना
  • “Perfect woman” बनने के बोझ से बाहर निकलना
  • खुद से कहना, “मैं पर्याप्त हूँ, जैसे मैं हूँ”

यह self-approval की journey है। जब आप खुद को ‘हाँ’ कहती हैं, तो आप हर बार अपने confidence, courage और individuality को celebrate करती हैं।

Society की ‘ना’ को Silence करने के 5 तरीके

अपने सपनों को छोटा मत करो:
आपके सपने society की सीमाओं से बड़े हैं। अगर कोई कहे “ये लड़कियाँ नहीं करतीं”, तो जवाब दो — “अब करेंगी।”

Fear को पहचानो, उसे rule मत करने दो:
डर हमेशा रहेगा failure का, judgment का, rejection का। लेकिन growth तभी होगी जब आप डर के बावजूद कदम बढ़ाओगी।

Positive role models से जुड़ो:
ऐसी महिलाओं की कहानियाँ पढ़ो जिन्होंने barriers तोड़े। उनकी journey आपको याद दिलाएगी कि “हाँ, यह possible है।”

अपनी success को celebrate करो:
छोटी जीतें भी बड़ी होती हैं। हर ‘ना’ के बाद जब आप ‘हाँ’ कहकर आगे बढ़ती हैं, तो खुद को credit दो।

Self-talk बदलो:
अपने दिमाग में चलने वाली voice को सुनो। अगर वो कहती है “तू नहीं कर पाएगी”, तो calmly जवाब दो – “देख लेना, मैं करूँगी।”

‘हाँ’ कहना Self-Respect की पहली सीढ़ी है

हर महिला को यह समझना चाहिए कि self-respect और self-love एक-दूसरे के पूरक हैं। जब आप अपनी decisions, emotions और ambitions का सम्मान करती हैं, तो कोई भी society आपको कमज़ोर महसूस नहीं करा सकती।अपने लिए “हाँ” कहना selfishness नहीं, बल्कि self-respect का सबसे खूबसूरत रूप है। क्योंकि अगर आप खुद पर विश्वास नहीं करेंगी, तो कोई और क्यों करेगा?

खुद को ‘हाँ’ कहने की कहानी हर औरत की है

हर उस महिला की जो शादी के बाद career फिर से शुरू करती है।हर उस लड़की की जो ‘log kya kahenge’ से ऊपर उठकर अपने सपनों का पीछा करती है। हर उस माँ की जो अपने बच्चों के साथ-साथ अपने सपनों को भी पालती है। तो आज एक वादा करें जब भी society ‘नहीं कर सकती’ कहे, आप अपने दिल से कहें “मैं कर सकती हूँ, और मैं करूँगी।” 

 

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