Cooking एक Art है, Gender नहीं

cooking as creativity

Cooking एक Art है, Gender नहीं

“रसोई तो औरतों की जगह होती है” ये लाइन हमने न जाने कितनी बार सुनी होगी। लेकिन क्या कभी सोचा है कि किसी काम को सिर्फ gender से जोड़ देना, एक कला के साथ कितना अन्याय है? खाना बनाना सिर्फ पेट भरने का काम नहीं, बल्कि रूह को सुकून देने वाली कला है और कला का कोई gender नहीं होता। आज वक्त है इस सोच को बदलने का क्योंकि Cooking सिर्फ Women’s Duty नहीं, बल्कि Everyone’s Skill है।

Cooking एक कला है, जिम्मेदारी नहीं

जब कोई painting करता है, तो उसे artist कहा जाता है।जब कोई tune बनाता है, तो उसे musician कहा जाता है।फिर जो इंसान स्वाद और खुशबू से भरी एक dish बनाता है, वो “घर की जिम्मेदार औरत” क्यों कहलाता है? Cooking एक creative process है जहाँ imagination, patience और passion तीनों मिलते हैं।हर recipe एक कहानी कहती है, हर स्वाद एक emotion जगाता है यानी खाना बनाना duty नहीं, expression है।

Kitchen सिर्फ महिलाओं का नहीं

हमारी society में रसोई को हमेशा महिलाओं से जोड़ा गया है।लड़की बड़ी हो गई है, अब उसे खाना बनाना सीखना चाहिए ये अब भी कई घरों में सिखाया जाता है लेकिन कोई ये नहीं कहता लड़का बड़ा हो गया है, उसे अपने लिए खाना बनाना आना चाहिए।विडंबना देखिए घर में खाना बनाना “औरतों का काम” है और hotel या restaurant में वही काम “Chef” बनकर मर्दों के नाम पर जाता है संजय कपूर, रणवीर बरार, विकास खन्ना ये सभी male chefs हैं और सब cooking को art की तरह celebrate करते हैं। तो फिर घर की रसोई में यह art gender-based क्यों बन जाती है?

Cooking = Life Skill, Not Gender Role

खाना बनाना एक basic life skill है जैसे चलना, लिखना या बोलना।हर इंसान को खुद के लिए खाना बनाना आना चाहिए, क्योंकि ये independence की निशानी है जो खुद के लिए खाना बना सकता है, वो खुद की ज़िम्मेदारी उठा सकता है और यही असली empowerment है जहाँ इंसान किसी पर dependent नहीं होता।

Cooking से रिश्तों में बढ़ता है प्यार

किचन सिर्फ जगह नहीं, एक emotion है। जब परिवार साथ में खाना बनाता है, तो सिर्फ recipe नहीं, रिश्ते भी पकते हैं।कभी सोचा है,खाना सिर्फ खाने भर की चीज़ नहीं, बल्कि किसी के प्यार, care और effort की निशानी होती है।जब पति-पत्नी या भाई-बहन साथ में खाना बनाते हैं, तो वो “समानता” का सबसे खूबसूरत उदाहरण बन जाते हैं।किचन में साथ खड़ा होना एक दूसरे के सम्मान की पहचान है।

Cooking में Equality का स्वाद

अब वक्त है कि हम अपने बच्चों को सिखाएं खाना बनाना gender-based skill नहीं है। बेटा और बेटी दोनों को समान रूप से सिखाया जाना चाहिए क्योंकि भविष्य में जब वो अकेले होंगे, तो ये skill न सिर्फ उन्हें independent बनाएगी, बल्कि उन्हें दूसरों की मेहनत का सम्मान करना भी सिखाएगी।

Cooking: Therapy और Creativity का Mix

कई लोगों के लिए खाना बनाना एक stress buster होता है। खाना बनाते वक्त मन शांत होता है और हर dish में एक अलग creativity झलकती है।कभी आपने notice किया होगा, जब हम mood में होते हैं, तो खाना और भी स्वादिष्ट बनता है क्योंकि उस वक्त हम दिल से cook करते हैं, मजबूरी से नहीं। Cooking एक meditation की तरह है जहाँ हर मसाला, हर खुशबू, हर स्वाद हमारे अंदर के artist को जगा देता है।

Mindset बदलने की जरूरत

हमें बच्चों को ये सिखाना बंद करना होगा कि रसोई में लड़कियाँ जाती हैं और लड़के बाहर काम करते हैं। क्योंकि घर चलाने के लिए दोनों बराबर जरूरी हैं।Cooking gender equality का हिस्सा बन सकती है अगर हम उसे “काम” नहीं, “कला” के रूप में देखें।

Cooking सिर्फ रोटियाँ बेलना या सब्ज़ी काटना नहीं है ये एक art, एक expression, और एक love language है।इसका कोई gender नहीं होता, बस दिल होना चाहिए जो हर स्वाद में अपनापन घोल सके।आज की नई पीढ़ी इसे समझ रही है पुरुष भी kitchen में उतर रहे हैं और महिलाएं अपनी creativity को world class cuisines में बदल रही हैं क्योंकि आखिरकार, Cooking वही art है जो लोगों को एक साथ लाती है बिना यह देखे कि कौन पुरुष है और कौन महिला।

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