घर पर बना भोजन न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, बल्कि यह सेहत के लिए कई मायनों में लाभकारी भी साबित होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रसोई में नियमित रूप से खाना पकाना एक तरह की शारीरिक गतिविधि है, जो न केवल शरीर को सक्रिय रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालता है।
जब महिलाएं घर पर खाना बनाती हैं, तो वे कई घंटे खड़े रहती हैं। इससे मांसपेशियां सक्रिय बनी रहती हैं और दिल की गति भी बढ़ती है। रसोई में इधर-उधर घूमना, झुकना और काम करना हल्के व्यायाम के समान होता है।
खाना बनाते समय लगातार हिलना-डुलना महिलाओं को सक्रिय बनाए रखता है। रसोई में चलना-फिरना और सामग्री निकालना जैसी गतिविधियां शरीर को फुर्तीला बनाए रखने में मदद करती हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि 30 मिनट तक खाना पकाने से 50 से 80 कैलोरी तक बर्न हो सकती हैं। खाना बनाने के दौरान कई मांसपेशियों का उपयोग होता है, जिससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने में भी मदद मिलती है। यह वजन घटाने का एक आसान और प्रभावी घरेलू तरीका साबित हो सकता है।
आटा गूंथते समय शरीर की ऊर्जा का अधिक उपयोग होता है। इस प्रक्रिया में मसल्स पर दबाव पड़ता है, जिससे वे मजबूत बनती हैं। नियमित रूप से ऐसे कार्य करने से मांसपेशियों की ताकत में भी सुधार होता है।
खाना बनाने से तनाव में कमी आती है। जब महिलाएं रसोई में व्यस्त रहती हैं, तो उनका ध्यान पूरी तरह पकवान बनाने में लगा रहता है। इस दौरान वे अपनी परेशानियों को कुछ समय के लिए भूल जाती हैं, जिससे मानसिक स्थिति और मूड पर सकारात्मक असर पड़ता है।