आज की दुनिया में महिलाएँ सिर्फ घर नहीं संभाल रहीं, वे काम, परिवार, रिश्ते, बच्चों की जरूरतें, माता-पिता की जिम्मेदारियाँ और अपनी भावनात्मक केयर तक… सब कुछ मैनेज कर रही हैं। लेकिन इन सब में एक ऐसा बोझ है जो दिखाई नहीं देता, पर सबसे भारी होता है Mental Load। यह वह अदृश्य जिम्मेदारी है जिसे महिलाएँ बिना बोले, बिना शिकायत किए, बिना आवाज उठाए सालों से उठाती आई हैं। लोग कहते हैं कि “काम बाँट लो” लेकिन कोई यह नहीं देखता कि planning, remembering, managing और worrying का पूरा सिस्टम अकेले महिला के दिमाग में चलता है। यही Mental Load है।
Mental Load क्या है?
Mental Load वह emotional और mental pressure है जिसमें महिला को हर छोटी-बड़ी चीज़ याद रखनी होती है कौन सी किराने की चीज खत्म हो गई, बच्चे का project कब submit होना है, किस रिश्तेदार का birthday आने वाला है, घर के बिल कब भरने हैं, किसकी दवाई खत्म हो रही है, घर के कामों की planning कैसी होगी, त्योहार की shopping कब करनी है… इन सब का management जो दिमाग में चलता रहता है, उसी को Mental Load कहा जाता है पुरुष अक्सर कहते हैं “तुमने बोला होता तो मैं कर देता।” लेकिन असली बात यह है कि women don’t want help, they want partnership।
महिलाओं पर Mental Load ज़्यादा क्यों होता है?
हमारी society में महिलाओं को बचपन से सिखाया जाता है:
“घर तुम संभालोगी।”
“सब तुम्हारे भरोसे है।”
“तुम्हें ही manage करना होगा।”
इस conditioning के कारण घर में planning और emotional responsibilities automatically महिला पर डाल दी जाती हैं। भले ही वह working हो या homemaker, mental load almost वही उठाती है।
Mental Load के कारण महिलाओं पर प्रभाव
Mental Load अलग क्यों है? (क्यों सिर्फ काम बाँटने से हल नहीं होता)
Mental Load सिर्फ काम करने का बोझ नहीं, बल्कि काम सोचने का बोझ है। काम करना physical task है। लेकिन प्लानिंग, सोचना, याद रखना ये invisible tasks हैं और ये ही सबसे ज़्यादा energy खाते हैं। इसलिए सिर्फ “तुम बताओ कर दूँगा” कहने से Mental Load कम नहीं होता।
Mental Load कम कैसे हो सकता है?
Mental Load पर महिलाओं की आवाज़
आज कई महिलाएँ openly बोलने लगी हैं “मुझे मदद नहीं चाहिए, मुझे बराबरी चाहिए।” जब घर, रिश्ते और बच्चे दोनों के हैं, तो planning भी दोनों की होनी चाहिए। एक healthy relationship वहीं है, जहाँ दोनों partners एक-दूसरे का load share करते हैं, ना कि एक partner invisible pressure में जीता रहे।
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